सिविल सेवा परीक्षा
सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने के लिये सिर्फ गंभीर एवं विस्तृत अध्ययन ही आवश्यक नहीं है, अपितु यह समझना भी महत्त्वपूर्ण है कि परीक्षा के दौरान उन दो घंटों में आप क्या करते हैं, और कैसे करते हैं? अतः उन 2 घंटों में सर्वश्रेष्ठ समय-प्रबंधन, विशिष्ट मानसिक एकाग्रता तथा उच्च दिमागी सक्रियता कैसे संभव हो- यह जानना अति आवश्यक है। साथ ही, प्रश्नों की प्रकृति को समझते हुए उन्हें समयानुसार ज़ल्दी हल करने की युक्ति अपनाना भी महत्त्वपूर्ण है। कई दफा ऐसा देखने को मिलता है कि वर्षों-महीनों की जीतोड़ मेहनत और अध्ययन के बावजूद अनेक छात्र परीक्षा भवन में अपेक्षित आत्मविश्वास से नहीं जा पाते हैं। बेहतर समय-प्रबंधन के अभाव में आख़िरकार उनकी सारी मेहनत धराशायी हो जाती है और वे परीक्षा में अपना सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने से चूक जाते हैं। आप चाहे कितनी भी अच्छी तैयारी क्यों न कर लें, आप जीतेंगे तभी जब अंतिम 2 घंटों में आप औरों से बेहतर व विशिष्ट प्रदर्शन करेंगे। अतः इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
करंट अफेयर्स टेस्ट
- निस्संदेह परीक्षा भवन में दो घंटों के लिये हर परीक्षार्थी की अपनी रणनीति होती है लेकिन अनुभव की कमी (नए परीक्षार्थी) एवं बार-बार गलती दोहराने की प्रवृत्ति (पुराने परीक्षार्थी) के चलते अधिकांश परीक्षार्थी अच्छी तैयारी के बावजूद परीक्षा में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं।
- यद्यपि इस संदर्भ में कुछ सर्वमान्य बातें हैं जिनको अमल में लाने पर आपके रणकौशल में इज़ाफा होने की पूरी संभावना है। जैसा कि आपको पता है कि प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र होते हैं; प्रश्नपत्र-1 यानी सामान्य अध्ययन और प्रश्नपत्र-2 यानी सीसैट। लेकिन प्रारंभिक परीक्षा में किये गए परिवर्तन के बाद अब सारा दारोमदार पेपर-1 यानी सामान्य अध्ययन पर है। पेपर-2 यानी सीसैट अब क्वालीफाइंग कर दिया गया है। इसलिये परीक्षार्थियों की रणनीति में प्राथमिकता के तौर पर पेपर-1 यानी सामान्य अध्ययन ही शामिल होना चाहिये।
- हालाँकि यह बात सत्य है कि सीसैट वाले पेपर को भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिये। किंतु, मेरिट लिस्ट सामान्य अध्ययन वाले प्रश्नपत्र के आधार पर ही बननी है और इसके लिये कट-ऑफ का निर्धारण भी पेपर-1 यानी सामान्य अध्ययन के आधार पर ही होना है। इसलिये, परीक्षार्थियों को पेपर-1 के 2 घंटे में क्या और कैसे करना है, इस पर ज़्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।